यह किस्सा प्राचीन काल का है । 5 अगस्त 2024 सोमवार को दिनदहाड़े इसराइल ने ईरान पर हमला किया और तृतीय विश्व युद्ध शुरू हो गया । रूस यूक्रेन चीन ताइवान और भारत पाकिस्तान युद्ध पोद हिलाते वीडियो से चल रहा था । बे गैरेज भाटी मैडम ने सोचा कि क्यों न 10 लाख 59 हजार रुपए में क्रैय किए गए युद्ध पोत की सर्विसिंग और रिपेयरिंग कर ली जाए क्योंकि यह युद्ध पोत 10000 घंटे की सेवा दे चुका था और एक दिन में 24 घंटे होते हैं । रात मिलाकर । इस खुशी में स्वदिष्ट बेघर मैडम जी से तोपखाना रिपेयरिंग का गाड़ी की मूल कीमत 10,16,000 में 43000 जोड़कर 6 फ्री सर्विस और 5 साल की एक स्टैंडर्ड वारंटी और 5 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का नगद रुपया 43000 = 00 एडवांस में 5 T HRA सहित मोना ने डकार लिया था . चारों ओर त्राहिमाम मचा हुआ था . भारी बरसात हो रही थी और स्कूल धंधा धड़ल्ले से चल रहा था । कोचिंग धंधे में पानी घुस रहा था । स्वादिष्ट इंसान पटपट करके बेखौफ ट्यूशन जा रहे थे । एयरपोर्ट में नौकरी टावर फाइनेंस सभी कुछ मस्त छप रहा था , पाठ्य पुस्तक निगम बिक गया था और ₹ 5 में थाने कोर्ट कचहरी कलेक्टर बंगला और तो और जिला जनसंपर्क कार्यालय में अखबार बिक रहा था । टीवी नाम की वस्तु में चांदीपुरा वायरस के मस्त वीडियो आ रहे थे । युद्ध पोत रिपेयरिंग के जब शून्य रुपए डॉलर नगद लूट लिए गए तो ✓✓ मैडम जी पोद ठीक ठाक के स्क्रू लोग ढीले हो गए क्योंकि टीवी वाली बीमारियों ने चतुर्थ विश्व युद्ध स्थगित कर दिया और किसान धंधा और रक्षाबंधन धंधा और 15 अगस्त धंधा अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक विलंबित कर दिए गए किंतु 8 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस को लड़ाकू दिवस की अपार सफलता के बाद यह तय किया गया कि जितने भी नक्सली बंद भविष्य में नक्सलियों के मारे जाने की खुशी में किए जाएंगे, उनमें आदिवासी समाज का समर्थन लिया जाएगा ताकि बंद सफल हो जाए और हम इंसानों को ऐसा लगे की सोना धंधा 70 लाख रुपए kg और भू माफिया धंधे के बावजूद हमारा वजूद कायम रह पाएगा । इस विचित्र कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि सरपंच पति के बराबर या उनकी टक्कर का मानसिक पहलवान इस धरातल पर अभी तक उद्धव ही नहीं हुआ है और हमने भगवान गिरी के धंधे में डी के भट्ट की अबूझ पहले में अपने आप को स्वाहा नहीं किया तो कावड़ यात्रा अमरनाथ यात्रा और भगवान जी की एरोप्लेन से हावड़ा टू पुणे एयरप्लेन यात्रा की खुशी में हम आस्था के धंधे में अंधेर नगरी चौपट राजा हो जाएंगे । जय हिंद जय भारत
कब है अक्षय तृतीया 2024? जानें तारीख और शुभ मुहूर्त
भद्रा काल: 14 अगस्त 2024 की रात 2:21 बजे से 15 अगस्त 2024 को दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त: 15 अगस्त 2024 को दोपहर 1:26 बजे से शाम 6:25 बजे तक रहेगा।
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अक्षय तृतीया का महत्व
प्रदोषकाल में 2 घंटे है राखी बांधने का समय, जानें अक्षय तृतीया की डेट और राखी का शुभ समय
Pradoshkal time to tie Rakhi: सावन महीना बेहद खास है। इसी महीने सावन पूर्णिमा पर भाई बहनों के प्रेम का प्रतीक अक्षय तृतीया त्योहार है। मान्यता है कि इस दिन सावन पूर्णिमा पर शुभ मुहूर्त में राखी बांधने से भाई को हर काम में सफलता मिलती है, उसको दीर्घायु प्राप्त होती है। साथ ही भाई बहन में प्यार बढ़ता है और भाई बहन की रक्षा, मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है। लेकिन साल 2024 में अक्षय तृतीया पर भद्रा का साया है, जानिए कब है राखी और क्या है अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त (Rakhi shubh muhurt) … शुरूअक्षय तृतीया Bandhan Gift Idea: इस अक्षय तृतीया को बनाए और भी खास, छोटे भाई को ये गिफ्ट देकर कराएं स्पेशल फील
अक्षय तृतीया Bandhan Gift Idea: इस अक्षय तृतीया को बनाए और भी खास, छोटे भाई को ये गिफ्ट देकर कराएं स्पेशल फील

अक्षय तृतीया के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त
प्रातः सन्ध्या- 04:46 ए एम से 05:52 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:57 ए एम से 12:50 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:34 पी एम से 03:26 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06:55 पी एम से 07:17 पी एम
अमृत काल- 08:24 पी एम से 09:50 पी एम
निशिता मुहूर्त- 12:02 ए एम, अगस्त 20 से 12:46 ए एम, अगस्त 20
सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:52 ए एम से 08:10 ए एम
रवि योग- 05:52 ए एम से 08:10 ए एम
राखी बांधने के अन्य शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया अनुष्ठान का समय - 01:30 पी एम से 09:07 पी एम
अक्षय तृतीया के लिये अपराह्न का मुहूर्त - 01:42 पी एम से 04:15 पी एम
अक्षय तृतीया के लिये प्रदोष काल का मुहूर्त - 06:55 पी एम से 09:07 पी एम
अक्षय तृतीया भद्रा अन्त समय - 01:30 पी एम
अक्षय तृतीया भद्रा पूंछ - 09:51 ए एम से 10:53 ए एम











































































































































सरपंच पति के बराबर या उनकी टक्कर का मानसिक पहलवान इस धरातल पर अभी तक उद्धव ही नहीं हुआ है और हमने भगवान गिरी के धंधे में डी के भट्ट की अबूझ पहले में अपने आप को स्वाहा नहीं किया तो कावड़ यात्रा अमरनाथ यात्रा और भगवान जी की एरोप्लेन से हावड़ा टू पुणे एयरप्लेन यात्रा की खुशी में हम आस्था के धंधे में अंधेर नगरी चौपट राजा हो जाएंगे ।
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