अगर मान लो माना की डीके भट्ट ने एक आधे घंटे के लिए भी सोच लिया कि इधर-उधर घूम ले टाइम पास कर ले मॉर्निंग वॉक कर ले कुछ मस्ती कर ले कुछ फिल्म देख ले किसी डिस्को में चला जाए किसी होटल में खाना खा ले किसी ढाबे में पार्टी बना ले तो इंडिया वाली लुगाइयों एक बात का ध्यान रखना की छह और सात अक्टूबर की आधी रात को जैसे ही डी के ने सोचा कि चलो 15 - 20 मिनट आराम से टट्टी कर ले तो टट्टी करने के दौरान ही इजरायल फिलिस्तीन युद्ध आ चुका था . .

हम मनुष्य ऐसे ही जीते जाएंगे निपटते जाएंगे . .. नोबेल पुरस्कार नरगिस दत्त को देते जाएंगे , डी के भट्ट को पुरस्कृत नहीं किया जाएगा . . डीके भट्ट का वेतन भी नहीं दिया जाएगा . . भट्ट को गुजारा भत्ता भी नहीं दिया जाएगा . .ओर एन केन प्रकारेण कारागार भेज दिया जाएगा :-- FEMALE यात्रीगण कृपया ध्यान दें यह मनुष्य आज पिछले 50 साल से डी के भट्ट के व्यक्तित्व और कृतित्व के भरोसे ही कायम है.. 


मैकेनिकल अधिकारी भाटी साहब अगर धरने पर बैठ जाए कि जब तक उसेउसकी लाश के लिए कोल्ड स्टोरेज मनचाहा आवंटित नहीं किया जाएगा तब तक वह ना तो वेबसाइट संधारण करेगा ना हैंडपंप प्लेटफार्म निर्माण करेगा ना जल जीवन मिशन के मैकेनिकल  अभियंता के कार्य करेगा तो इंडिया वाली लुगाईया कृपया ध्यान दें कि पिछले 50 साल की उम्र में 25 साल की शासकीय सेवा के बावजूद भी डी के भट ने कभी आराम नहीं किया है , कभी हड़ताल नहीं करी है,  कभी काम / की बोर्ड  बंद नहीं किया है  . . वह निरंतर 24 * 7 वर्किंग में रहता हैऔरउसके 4  घंटे विश्राम के दौरान भी उसके इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और उसका CPU  काम करते हुए चालू रहता है  .. अगर मान लो माना  की डीके भट्ट ने एक आधे घंटे के लिए भी सोच लिया कि इधर-उधर घूम ले टाइम पास कर ले मॉर्निंग वॉक कर ले कुछ मस्ती कर ले कुछ फिल्म देख ले किसी डिस्को में चला जाए किसी होटल में खाना खा ले किसी ढाबे में पार्टी बना ले तो  इंडिया वाली लुगाइयों एक बात का ध्यान रखना की छह और सात अक्टूबर की आधी  रात को जैसे ही डी के ने सोचा कि चलो 15 - 20 मिनट आराम से टट्टी कर ले तो  टट्टी करने के दौरान ही इजरायल फिलिस्तीन युद्ध आ चुका था  . . अब भट्ट जब भी दुर्गा टट्टी करेगा कुछ ना कुछ वायरस षडयंत्र आएगा आता जाएगा, हम मनुष्य ऐसे ही जीते जाएंगे निपटते जाएंगे  . .. नोबेल पुरस्कार नरगिस दत्त को देते जाएंगे , डी के भट्ट को  पुरस्कृत नहीं किया जाएगा  . . डीके भट्ट का वेतन भी नहीं दिया जाएगा  . . भट्ट को गुजारा भत्ता भी नहीं दिया जाएगा  . .ओर या तो एन केन प्रकारेण कारागार भेज दिया जाएगा या भारतीय त्रुटिपूर्ण संविधान की कोई ना कोई धारा में एक बार फिर से पुलिस में f.i.r. कर लंबी रकम उन्हीं बटालियन वालों द्वारा लूट ली जाएगी जिसका अस्तित्व डी के भट के कारण ही बचा हुआ है + बना हुआ है , डी के भट्ट को निलंबित भी नहीं किया जाएगा तो यात्रीगण कृपया ध्यान दें यह मनुष्य आज पिछले 25 साल से डी के भट्ट के उसी व्यक्तित्व और कृतित्व के भरोसे ही कायम है जो उसने बाल्यावस्था से 25 वर्ष की अवस्था तक अध्ययन किया था  . . अब वह 11 नवंबर को हैप्पी बर्थडे की खुशी में 50 से 75 बरस सेवानिवृत्ति लेकर वानप्रस्थ आश्रम और इसके बाद बची जिंदगी साधु सन्यासी धंधा करने के मूड में है किंतु प्रॉब्लम एक है कि वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी और 5जी की तरंगे ना सिर्फ जंगल में बल्कि जमीन के हजार फीट नीचे ऑसमान  और संपूर्ण पृथ्वी के साथ-साथ ब्रह्मांड में पूरे फैल गई है । अगर भाटी साहब की मृत आत्मा चंद्रयान धंधा सूरज धंधा शुक्र धंधा करेगी या साबू की जुपिटर बस्ती में बसने की कोशिश करेगा या मंगल ग्रह पलायन कर जाएगा तो  भी उसकी मृत आत्मा को कहीं भी सरकारी कब्रगाह , शांति की चूत या केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार मिलने की आशंका  है ही ये  नहीं है  ...  जय हिंद जय भारत

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  1. मैकेनिकल अधिकारी भाटी साहब अगर धरने पर बैठ जाए कि जब तक उसेउसकी लाश के लिए कोल्ड स्टोरेज मनचाहा आवंटित नहीं किया जाएगा तब तक वह ना तो वेबसाइट संधारण करेगा ना हैंडपंप प्लेटफार्म निर्माण करेगा ना जल जीवन मिशन के मैकेनिकल अभियंता के कार्य करेगा तो इंडिया वाली लुगाईया कृपया ध्यान दें कि पिछले 50 साल की उम्र में 25 साल की शासकीय सेवा के बावजूद भी डी के भट ने कभी आराम नहीं किया है , कभी हड़ताल नहीं करी है, कभी काम / की बोर्ड बंद नहीं किया है . . वह निरंतर 24 * 7 वर्किंग में रहता हैऔरउसके 4 घंटे विश्राम के दौरान भी उसके इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और उसका CPU काम करते हुए चालू रहता है .. अगर मान लो माना की डीके भट्ट ने एक आधे घंटे के लिए भी सोच लिया कि इधर-उधर घूम ले टाइम पास कर ले मॉर्निंग वॉक कर ले कुछ मस्ती कर ले कुछ फिल्म देख ले किसी डिस्को में चला जाए किसी होटल में खाना खा ले किसी ढाबे में पार्टी बना ले तो इंडिया वाली लुगाइयों एक बात का ध्यान रखना की छह और सात अक्टूबर की आधी रात को जैसे ही डी के ने सोचा कि चलो 15 - 20 मिनट आराम से टट्टी कर ले तो टट्टी करने के दौरान ही इजरायल फिलिस्तीन युद्ध आ चुका था . . अब भट्ट जब भी दुर्गा टट्टी करेगा कुछ ना कुछ वायरस षडयंत्र आएगा आता जाएगा, हम मनुष्य ऐसे ही जीते जाएंगे निपटते जाएंगे . .. नोबेल पुरस्कार नरगिस दत्त को देते जाएंगे , डी के भट्ट को पुरस्कृत नहीं किया जाएगा . . डीके भट्ट का वेतन भी नहीं दिया जाएगा . . भट्ट को गुजारा भत्ता भी नहीं दिया जाएगा . .ओर या तो एन केन प्रकारेण कारागार भेज दिया जाएगा या भारतीय त्रुटिपूर्ण संविधान की कोई ना कोई धारा में एक बार फिर से पुलिस में f.i.r. कर लंबी रकम उन्हीं बटालियन वालों द्वारा लूट ली जाएगी जिसका अस्तित्व डी के भट के कारण ही बचा हुआ है + बना हुआ है , डी के भट्ट को निलंबित भी नहीं किया जाएगा तो यात्रीगण कृपया ध्यान दें यह मनुष्य आज पिछले 25 साल से डी के भट्ट के उसी व्यक्तित्व और कृतित्व के भरोसे ही कायम है जो उसने बाल्यावस्था से 25 वर्ष की अवस्था तक अध्ययन किया था . . अब वह 11 नवंबर को हैप्पी बर्थडे की खुशी में 50 से 75 बरस सेवानिवृत्ति लेकर वानप्रस्थ आश्रम और इसके बाद बची जिंदगी साधु सन्यासी धंधा करने के मूड में है किंतु प्रॉब्लम एक है कि वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी और 5जी की तरंगे ना सिर्फ जंगल में बल्कि जमीन के हजार फीट नीचे ऑसमान और संपूर्ण पृथ्वी के साथ-साथ ब्रह्मांड में पूरे फैल गई है । अगर भाटी साहब की मृत आत्मा चंद्रयान धंधा सूरज धंधा शुक्र धंधा करेगी या साबू की जुपिटर बस्ती में बसने की कोशिश करेगा या मंगल ग्रह पलायन कर जाएगा तो भी उसकी मृत आत्मा को कहीं भी सरकारी कब्रगाह , शांति की चूत या केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार मिलने की आशंका है ही ये नहीं है ... जय हिंद जय भारत

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