हम इंसानी पुत्र पुत्री के साथ दिक्कत यह है कि हमने डी के भट्ट के प्रकाशन लेखन और वितरण की मेहनत को अंगीकार और स्वीकार करने में ऑलरेडी बहुत देर कर चुके हैं । एक कहावत होती थी जब चिड़िया चुग गई खेत लेकिन 5G टावर में चिड़िया नाम की वस्तु का अस्तित्व समाप्त हो चुका है और हम मनुष्य इस जी जंजाल में फंस चुके हैं कि अगर टीवी वाली बीमारियों को रूस यूक्रेन युद्ध से पौद धुलाई जाए तो जी-20 आ जाता है , अगर शंकर धंधे से गांड धुलाओ तो गणपति धंधा आ जाता है और गणपति धंधे से बूबू धुला दो तो दूध वाले पत्थरों का धंधा आ जाता है और तो और नक्सलियों के शहीदी सप्ताह से चूत धूलाने पर नक्सलियों का स्थापना वीक 21 से 27 सितंबर आ जाता है । डी के भट्ट एक व्यक्ति है व्यक्तित्व है कृतित्व है जो पिछले 20 साल से लगातार प्रवचन दे रहा है की कन्या राशि किसी भी स्थिति में स्कूल बस की तरफ पोदनि करके बदबूदार मूत्र त्याग ना करें किंतु इसके बाद भी धड़ल्ले से कोचिंग सेंटर धंधा चल रहा है , धड़ल्ले से कोरोना का निपाह वायरस आ गया है । भट्ट साहब के राष्ट्रपति महोदय के 23 सितंबर 2023 को साक्षात निवेदन करने की अनुमति देने का अभी तक कोई भी ऑफर नहीं आया हैऔर उसे अभी तक नई कबर f1 या तो आवंटित होने या नई कब्र को नई सिरे से बनाकर आवंटित होने या जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट में से 50 लख रुपए का प्रोजेक्ट उसके लिए निवास की व्यवस्था के लिए बनाने की कोई भी पहल की जा रही है । ऐसा ना हो कि हम डी के भट्ट की वंदना, डीके भट्ट के व्यक्तित्व , हम डी के मटके कृतित्व को समझने में इतनी अधिक देर कर जाए कि जब दो पाया का अस्तित्व भी समाप्त हो जाए और भगवान गिरी के धंधे में भगवान बजरंग जी सरपंच पति जी की पूजा सेवा भी शून्य तो नहीं कम हो जाए । जय हिंद जय भारत
हम इंसानी पुत्र पुत्री के साथ दिक्कत यह है कि हमने डी के भट्ट के प्रकाशन लेखन और वितरण की मेहनत को अंगीकार और स्वीकार करने में ऑलरेडी बहुत देर कर चुके हैं । एक कहावत होती थी जब चिड़िया चुग गई खेत लेकिन 5G टावर में चिड़िया नाम की वस्तु का अस्तित्व समाप्त हो चुका है और हम मनुष्य इस जी जंजाल में फंस चुके हैं कि अगर टीवी वाली बीमारियों को रूस यूक्रेन युद्ध से पौद धुलाई जाए तो जी-20 आ जाता है , अगर शंकर धंधे से गांड धुलाओ तो गणपति धंधा आ जाता है और गणपति धंधे से बूबू धुला दो तो दूध वाले पत्थरों का धंधा आ जाता है और तो और नक्सलियों के शहीदी सप्ताह से चूत धूलाने पर नक्सलियों का स्थापना वीक 21 से 27 सितंबर आ जाता है । डी के भट्ट एक व्यक्ति है व्यक्तित्व है कृतित्व है जो पिछले 20 साल से लगातार प्रवचन दे रहा है की कन्या राशि किसी भी स्थिति में स्कूल बस की तरफ पोदनि करके बदबूदार मूत्र त्याग ना करें किंतु इसके बाद भी धड़ल्ले से कोचिंग सेंटर धंधा चल रहा है , धड़ल्ले से कोरोना का निपाह वायरस आ गया है । भट्ट साहब के राष्ट्रपति महोदय के 23 सितंबर 2023 को साक्षात निवेदन करने की अनुमति देने का अभी तक कोई भी ऑफर नहीं आया हैऔर उसे अभी तक नई कबर f1 या तो आवंटित होने या नई कब्र को नई सिरे से बनाकर आवंटित होने या जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट में से 50 लख रुपए का प्रोजेक्ट उसके लिए निवास की व्यवस्था के लिए बनाने की कोई भी पहल की जा रही है । ऐसा ना हो कि हम डी के भट्ट की वंदना, डीके भट्ट के व्यक्तित्व , हम डी के मटके कृतित्व को समझने में इतनी अधिक देर कर जाए कि जब दो पाया का अस्तित्व भी समाप्त हो जाए और भगवान गिरी के धंधे में भगवान बजरंग जी सरपंच पति जी की पूजा सेवा भी शून्य तो नहीं कम हो जाए । जय हिंद जय भारत
हम इंसानी पुत्र पुत्री के साथ दिक्कत यह है कि हमने डी के भट्ट के प्रकाशन लेखन और वितरण की मेहनत को अंगीकार और स्वीकार करने में ऑलरेडी बहुत देर कर चुके हैं । एक कहावत होती थी जब चिड़िया चुग गई खेत लेकिन 5G टावर में चिड़िया नाम की वस्तु का अस्तित्व समाप्त हो चुका है और हम मनुष्य इस जी जंजाल में फंस चुके हैं कि अगर टीवी वाली बीमारियों को रूस यूक्रेन युद्ध से पौद धुलाई जाए तो जी-20 आ जाता है , अगर शंकर धंधे से गांड धुलाओ तो गणपति धंधा आ जाता है और गणपति धंधे से बूबू धुला दो तो दूध वाले पत्थरों का धंधा आ जाता है और तो और नक्सलियों के शहीदी सप्ताह से चूत धूलाने पर नक्सलियों का स्थापना वीक 21 से 27 सितंबर आ जाता है । डी के भट्ट एक व्यक्ति है व्यक्तित्व है कृतित्व है जो पिछले 20 साल से लगातार प्रवचन दे रहा है की कन्या राशि किसी भी स्थिति में स्कूल बस की तरफ पोदनि करके बदबूदार मूत्र त्याग ना करें किंतु इसके बाद भी धड़ल्ले से कोचिंग सेंटर धंधा चल रहा है , धड़ल्ले से कोरोना का निपाह वायरस आ गया है । भट्ट साहब के राष्ट्रपति महोदय के 23 सितंबर 2023 को साक्षात निवेदन करने की अनुमति देने का अभी तक कोई भी ऑफर नहीं आया हैऔर उसे अभी तक नई कबर f1 या तो आवंटित होने या नई कब्र को नई सिरे से बनाकर आवंटित होने या जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट में से 50 लख रुपए का प्रोजेक्ट उसके लिए निवास की व्यवस्था के लिए बनाने की कोई भी पहल की जा रही है । ऐसा ना हो कि हम डी के भट्ट की वंदना, डीके भट्ट के व्यक्तित्व , हम डी के मटके कृतित्व को समझने में इतनी अधिक देर कर जाए कि जब दो पाया का अस्तित्व भी समाप्त हो जाए और भगवान गिरी के धंधे में भगवान बजरंग जी सरपंच पति जी की पूजा सेवा भी शून्य तो नहीं कम हो जाए । जय हिंद जय भारत
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